आगंणवाडी कर्मीयो का पारशिवनी के बालविकास प्रकल्प कार्यालय पर एक पखवाडे से जनाक्रोश मोर्चा निरंतर जारी। — तहसील की १८० आंगणवाड़ी केंद्रों पर ताला लगने से ग्रामीण भाग से १० हजार बच्चे ६७२ गरोदर माता,६१० स्तनदा माताएं आहार व टिकाकरण के बिना ही रह रही है।  — विरान पड़ी है आंगणवाड़ीया।

   कमलसिंह यादव

तालुका प्रतिनिधी पारशिवनी

पारशिवनी:- आंगणवाड़ी कर्मियों को सरकारी कर्मी घोषित करने सहित पेंशन योजना शुरू करने की मांग को लेकर पिछले 4 दिसंबर से काम बंद आंदोलन शुरू किया गया है।

         इस स्थिति में तहसील के सभी आंगणवाड़ी केंद्र वीरान होकर उक्त केंद्रों के बालक इधर-उधर भटक रहे हैं।प्राप्त जानकारी के अनुसार 3 से 6 वर्ष आयु के बालक कुपोषण मुक्त होने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों के तहत नियमित सकस आहार उपलब्ध किया जाता है।जबकि उक्त आहार स्तनदा एवं गर्भवती महिलाओं को भी उपलब्ध किया जाता है।

          हालांकि पारशिवनी ग्रामिण विभाग की आंगनवाड़ी केंद्रों के लाभार्थी 10 हाजार से अधिक बालकों सहित ६१० स्तनदा एवं ६७२ गर्भवती महिलाओं को हर माह स्वास्थ विभाग के तहत टीकाकरण भी किया जाता है।

           हालांकी ग्रामीण क्षेत्र के बालकों सहित स्तनदा व गर्भवती महिलाओं को विभिन्न बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण सहित पोषण आहार उपलब्ध कर रहे आंगनवाड़ी केंद्र पिछले २ सप्ताह से बंद पड़े है,लाभार्थी विविध सुविधाओं से वंचित है।

         इस स्थिति में आंगनवाड़ी केंद्रों के बालक एवं अन्य लाभार्थी महिलाएं सरकार के विभिन्न सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है।

           इस बीच आंगणवाड़ी केंद्रों के महिला कर्मियों ने सरकार द्वारा अंगनवाडी से उपलब्ध किया जा रहा मानधन न्यूनतम होने का आरोप लगाकर उक्त मानधन में तुरंत वृद्धि करने सहित उक्त कर्मियों को सरकारी कर्मी घोषित कर पेंशन शुरू करने सहित अन्य मांगें की गई है।

          उक्त मांगों को लेकर तहसील के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों के महिला कर्मियों ने पिछले 4 दिसंबर से काम बंद आंदोलन शुरू किया है।

           जिसके कारण तहसील के सभी १८० आंगणवाड़ी केंद्र वीरान होकर उक्त केंद्रों के बालक इधर-उधर भटकने सहित सकस आहार एवं अन्य योजनाओं से वंचित रहने पर नाराजगी व्यक्त की जा रही है।

          इस मामले में सरकार एवं प्रशासन ने तुरंत दखल लेकर वीरान पड़े आंगनवाड़ी केंद्र नियमित रूप से शुरू होने के लिए आवश्यक कार्रवाई एक मांग की जा रही है।

         पारशिवनी तहसिल की सैकड़ों आंगनवाडीयों ने गत ४ दिसंबर से प्रतिदिन नुसार आज भी पारशिवनी के बालविकास प्रकल्प कार्यालय पर अपनी मांगों को लेकर जनाक्रोश मोर्चा निकाला व धरना देकर बैठे पारशिवनी के बालविकास अधिकारी वनिता काळे मँडम व अश्विनी उईके मॅडम,ज्योती निमजा प्रभवेशिका कन्हान को तथा बिडिओ सुभाष जाधव,आमदार जैस्वाल,चन्दपाल चौकसे,राजेन्द मुलक शिवसेना उध्दव बाळासाहेव पार्टी,तालुका की सभी जि.प.सदस्य,सभापती निबोंने तथा निबाळकर सर,कुमरे सर प्रमुख अधिकारी जि.प. नागकुर सह अनेक नागरिको को अपनी मांगों का निवेदन सौंपा.

          उल्लेखनीय है कि कुपोषण के ऊपर सबसे कारगर साबित होने वाली बच्चों की आंगनवाड़ी केंद्र बीते पन्द्रह दिनो से आंगनवाड़‌यों की हड़ताल के कारण बंद होने से तालुका की १८० अंगनवाडी के पारशिवनी ग्रामिण भाग क १०.३७६ बच्चे, जिनमे ग्रामिण की १४० अंगनवाडी तथा शहर विभाग अधिकारी से संपर्क न होने से नगर पंचायत तथा नगर पालिका की जानकारी प्राप्त नही हुई।

           पारशिवनी शह नगरपंचायत १४ तथा शहर कन्हान नगर परिषद २६ अर्तगत कुल १८० अंगनवाडी मे गत पखवाडे से ताले लगाकर विरान अवस्था मे है पोषण आहर प्राप्त करने वाले बच्चे तथा गर्भवती , स्तनदा तथा अन्य योजना के लाभ प्राप्त वाले नागरिक इतजार कर रहे है तथा उसी प्रकार तालुक में ग्रामिण कुपोषण ग्रस्त बच्चो का तांडव मचने की संभावना जताई जा सकती है. इस हड़ताल के ऊपर जल्द ही कोई समझौता नहीं हुआ तो परिस्थिति बिगड़ सकती है। जनाक्रोश मोर्चा में सैकड़ो आंगनवाड़ी व मदतनिस सामिल हुये. विगत 4 दिसम्बर से कम वेतन देने के खिलाफ हड़ताल पर गए आंगनवाड़यिों से तहसिल के १८०आंगनवाड़ी केंद्र बंद पड़ गए हैं,जिसमें १० हजार बच्चे और करीब ६७२ गरोदर माता गर्भवती माताएं तथा स्तनदा ६१० स्तनदा माताआहार के बिना ही रह रही है।अगर इन आंगनवाड़यों की हड़ताल यूं ही जारी रही तो कुल ११ कुपोषण बच्चो की समस्या गम्भीर हो सकती है।

            अंगणवाडी विभाग की जिल्हा अध्यक्ष सुनिता मानकर,इन्दु नागपुरे,माया कठाळे,अध्यक्ष उषा सहारे,माला खोब्रागडे,अश्विनी वाघमारे,प्रमिल्प वैयकार,सुनिता कोतपल्लीवार,नंदा मानकर सह सभी अंगनवाडी सेविका तथा मदतनिस हड़ताल मे पारशिवनी कार्यलय मे प्रति दिन शाम तक धरना दे देकर अपनी आवश्यक मागो हेतु आंदोलन कर रहे है।