ईमानदारी से..  — प्रिय सभी पत्रकार भाइयों एवं बहनों…    — सिविल..

             “यह मत सोचिए कि आप केवल समाचार संग्रहकर्ता हैं। यदि हम यह मान लें कि हम पत्रकार हैं और सामाजिक प्रेरणा के तत्व हैं तो हमें समाचारों के माध्यम से सामाजिक हित की प्राप्ति करनी चाहिए और जनमानस को उचित दिशा देने का महत्वपूर्ण कार्य करना चाहिए।”

         आज की स्थिति में विभिन्न संस्थानों और संगठनों के तहत कई कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में अंधविश्वास को बढ़ावा दिया जा रहा है। समाज में अक्सर अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाले संगठनों और संगठनों का उद्देश्य यह है कि अच्छा और सही ज्ञान समाज के अंतिम तत्वों तक नहीं पहुंच पाता है। अंतिम तत्व के लोग बुद्धिमान, सतर्क और डॉक्टर नहीं बन पाते।

         मैं नहीं मानता कि हम पत्रकारों और संवाददाताओं का अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाली खबरें इकट्ठा करने में हिस्सा लेना कोई अच्छा कर्तव्य और अच्छा काम है।

      ज्ञात हो कि यदि उच्च शिक्षित एवं शिक्षित नेता अंधविश्वास मिटाने के बजाय अंधविश्वास फैलाने के लिए तरह-तरह के कार्यक्रम कर रहे हैं तो यह समाज को सही दिशा नहीं दे रहा है और सामाजिक तत्वों के उत्थान के लिए बिल्कुल भी प्रयास नहीं कर रहा है।

         नेता कितना बड़ा है और उसने कितना सीखा है,” पत्रकारों और संवाददाताओं को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि नेता और व्यक्ति किस तरह के काम और किस तरह के कर्तव्य निभाते हैं न कि उस व्यक्ति ने कितना सीखा है।

            यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि जो नेता और व्यक्ति अक्सर समाज पर अतिक्रमण करते हैं और अंधविश्वासों और अन्य अनुचित प्रथाओं का पालन करके समाज को उसी स्थिति में रखते हैं, वे किसी के नहीं होते हैं, बल्कि वे अपने लाभ के लिए प्रयास करने वाले अवसरवादी होते हैं।

स्पष्ट है कि ऐसे व्यक्तियों को प्रोत्साहित करना तथा समाचारों के माध्यम से उन्हें जनमानस में ऊपर उठाना तथा उन्हें योग्य व्यक्ति के रूप में दर्शाना मतलब बिना सिर-पैर वाली प्रक्रिया को अपनाना तथा बिना सिर-पैर वाली प्रक्रिया को बढ़ावा देने का काम करना है।

          हम समाज को सही दिशा देने और लेखन के माध्यम से एक उन्नत समाज के निर्माण में योगदान देने के लिए पत्रकार हैं।

         पत्रकार अनुचित कार्य, अनुचित कर्तव्य, अनुचित भूमिका का समर्थन करने लगे, “तो क्या हम भी देश और देश के नागरिकों को पटरी से उतारने में शामिल हैं? हमें कम से कम इस बारे में तो सोचना चाहिए..

              “जब भारत सर्वश्रेष्ठ पत्रकार एवं विश्वविख्यात क्रांतिकारी विद्वान, महान समाज सुधारक एवं विश्वरत्न डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर के सर्वांगीण कार्य एवं कर्तव्य पर दृष्टि डालता है” तो, बाद के वर्ग के नागरिकों का सर्वांगीण विकास एवं उनका परम सुरक्षा को देश में प्रगति के मुख्य केंद्र के रूप में देखा जाता है।

          महापुरुष डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर की पत्रकारिता “भेदभाव, जाति व्यवस्था, अंधविश्वास, अनुचित कार्य और कर्तव्य, चापलूसी, गुलाम मानसिकता, भयभीत मानसिकता, असमान कार्य पद्धति, असमान उन्नति को कोई स्थान नहीं देती है।” सभी इसे स्थान देते हैं। इसीलिए डाॅ. मेरा मानना है कि बाबा साहब अम्बेडकर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पत्रकार हैं।

           हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि पत्रकारिता करते समय देश एवं देश की जनता के हित को सर्वोपरि रखें।

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            आपका विनम्र..

                  प्रदीप रामटेके

 “दख़ल न्यूज़ भारत वेब पोर्टल,”प्रबंध प्रधान संपादक…

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 दिनांक:- 21 फरवरी 2024, प्रत्येक बुधवार..