वंचित बहुजन अघाड़ी का विशाल जन आक्रोश मार्च 18 अक्टूबर को चिमूर डिप्टी कलेक्टर कार्यालय पर… — ”ईवीएम हटाओ, देश बचाओ का गंभीर मुद्दा… देश के मुख्य चुनाव आयुक्त तक लिखित पत्र के माध्यम से पहुंचाएंगे… — “एक स्वर, कब होगा किसानों और मजदूरों के साथ-साथ बहुजन समाज का कल्याण?”

 

प्रदीप रामटेके 

मुख्य संपादक 

            चूँकि ईवीएम मशीनों से होने वाली चुनाव प्रक्रिया संदिग्ध और अविश्वसनीय है,इसलिए किसानों,मजदूरों,बेरोजगारों और सभी नागरिकों के हित में अगली लोकसभा और विधानसभाओं का चुनाव ईवीएम मशीनों से न कराया जाए,यह मुख्य मांग है।और विविध मांगों के बारे में 18 अक्टूबर को चिमूर के डिप्टी कलेक्टर कार्यालय पर विरोध मार्च है…

            18 अक्टूबर को होने वाले विरोध मार्च का नेतृत्व विश्व प्रसिद्ध भदंत महाथेरो ज्ञानज्योति,भदंत धम्मचेती,वंचित बहुजन अघाड़ी के महाराष्ट्र राज्य कार्यकारिणी सदस्य कुशल मेश्राम,विदर्भ मुख्य समन्वयक और पूर्व राज्य मंत्री डॉ. रमेश कुमार गजबे,विदर्भ समन्वयक अरविंद संडेकर,चंद्रपुर जिला प्रभारी राजेश बोरकर,चंद्रपुर जिला कार्यकारी अध्यक्ष जयदीप खोबरागड़े,जिला सलाहकार नीलकंठ शेंडे,विनोद देठे,जिला उपाध्यक्ष स्नेहदीप खोबरागड़े और अन्य सभी चंद्रपुर जिला पदाधिकारी और वंचित बहुजन अगाड़ी के चिमूर तालुका पदाधिकारी करेंगे।

            जन आवाज मोर्चा संविधान चौक पुलिस स्टेशन चिमूर से शुरू होगा और उक्त मोर्चा डिप्टी कलेक्टर कार्यालय चिमूर में नियोजित कार्यक्रम के समापन के बाद समाप्त होगा.

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ईवीएम मशीन हैक करना एक गंभीर समस्या है…

            एक ओर,”ईवीएम मशीनों द्वारा चुनाव प्रक्रिया इस देश में बहुजन समाज के लिए एक बड़ी आपदा बन गई है और दूसरी ओर,यह पूंजीपतियों और ब्राह्मणों के हितों की रक्षा के लिए एक वरदान बन गई है।”

         सुप्रीम कोर्ट में इस बात के सबूत पेश किए गए हैं कि चुनाव के दौरान सत्ताधारी पार्टी द्वारा ईवीएम मशीनों को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है.हालांकि,ईवीएम मशीन हैकिंग के मामले में सुप्रीम कोर्ट कब सुनवाई करेगा,इसका कोई पता नहीं है…

        देश के नागरिक पूछ रहे है कि लोकतंत्र में ईवीएम मशीन हैकिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट संवेदनशील और गंभीर क्यों नहीं है?जबकि यह देश के नागरिकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

              ईवीएम मशीन द्वारा संचालित चुनाव प्रक्रिया भयमुक्त,विश्वसनीय,पारदर्शी नहीं है..क्योंकि वोट देने के बाद मतदाताओं को यह निश्चित नहीं हो पाता है कि वोट उसी उम्मीदवार को गया है जिसे उन्होंने वोट दिया है।

           मतदान करते समय केवल इतना ही पर्याप्त नहीं है कि ईवीएम मशीन का बटन दबाने पर लाइट जल जाए और प्रत्याशी का चुनाव चिन्ह दिखाई दे,बल्कि मतदान के बाद जिस प्रत्याशी को मतदाता वोट कर रहा है,वह टिकट का चिन्ह जमा होते ही उसकी स्पष्ट पुष्टि होनी चाहिए। और अंदर कि सभी मतपत्रों की गिनती की जानी चाहिए।उसके बाद ही ईवीएम मशीन द्वारा कि गई चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी है यह कह सकते है।अन्यथा यह मानने में कोई दिक्कत नहीं है कि ईवीएम मशीन द्वारा कराया गया चुनाव फर्जी है।

          आदर्श रूप से,ईवीएम मशीन द्वारा चुनाव प्रक्रिया डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर विचारधारा वाली पार्टियों को ख़त्म कर रही है और उन पार्टियों को शक्तिहीन बना रही है।

            इसके चलते भारत में ईवीएम मशीनों से चुनाव प्रक्रिया को बंद करना जरूरी है और यह समय की मांग भी है।

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 वंचितों की महत्वपूर्ण मांगें…

      1) भारतीय चुनाव प्रक्रिया मतपत्र पर की जानी चाहिए।

    2) तीन पीढ़ियों की शर्त समाप्त की जाये तथा सभी अतिक्रमणकारी किसानों को तत्काल मालिकाना हक के पट्टे दिये जायें।

     3) के.जी. कि पीजी की पढ़ाई मुफ्त की जाए।

     4) 64 हजार सरकारी स्कूलों का निजीकरण रद्द किया जाए.

    5) सभी जातियों की जातिवार जनगणना करायी जाये।

    6) ठेकेदारी संबंधी 6 सितंबर 2023 का सरकारी निर्णय रद्द किया जाए।

    7) जिला परिषद और प्राथमिक विद्यालयों का निजीकरण बंद करना चाहिए।

    8) स्थानीय स्व-सरकारी निकायों के चुनावों की घोषणा की जानी चाहिए।

    9)सरकारी,अर्धसरकारी एवं निजी प्रतिष्ठानों के नियमित कर्मचारियों पर पुरानी पेंशन योजना तत्काल लागू की जाये।

    10) किसानों की कृषि उपज को उचित गारंटी मूल्य दिया जाए…

    11) गोसीखुर्द सागर का पानी किसानों को बारहमासी उपलब्ध कराया जाये।

    12) सूखा प्रभावित और नुकसान प्रभावित किसानों को तत्काल सहायता की घोषणा की जानी चाहिए।

    13) गोंडवाना विश्वविद्यालय में हुयी प्रोफेसरों की फर्जी भर्ती तत्काल रद्द की जाये।

     14) चिमूर तालुका में अयोग्य घरकुल धारकों की सूची तुरंत सार्वजनिक की जानी चाहिए।

     15) किसानों के कपास का 15 हजार रुपये गारंटीशुदा मूल्य दिया जाए.

     16) चिमूर तालुका में पांडन सड़कों को जल्द से जल्द मंजूरी दी जानी चाहिए..

     17) किसानों का सारा कर्ज तुरंत माफ किया जाए…

      18) धान किसानों को 5 हजार रुपये प्रति क्विंटल का गारंटीशुदा मूल्य दिया जाए.

      19) किसानों को 24 घंटे बिजली दी जाए…

      20)संजय गांधी योजना एवं श्रवण बाल योजना की बकाया किश्तों का भुगतान शीघ्र किया जाये…

           वंचित बहुजन आघाडी उपरोक्त सभी मांगों को सरकार एवं प्रशासनिक स्तर पर रखेगी…

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मार्च की विजयी तैयारी.

       वंचित बहुजन अघाड़ी पार्टी की ओर से चिमूर में होने वाले विरोध मार्च की सफलता को लेकर मार्च निर्माण शुरू कर दिया गया है और मार्च में भाग लेने के लिए प्रचार-प्रसार भी शुरू कर दिया गया है.

            बहुजन वंचित अघाड़ी ने योजना बनाई है कि 100 नागरिक और महिलाएं अपने वाहनों से और अपने खर्च पर गांव से मार्च में शामिल हों.

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 संघर्ष…

           शोषण,अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष के बिना सफलता नहीं मिल सकती और स्वाभिमान कायम नहीं रह सकता। जो समाज स्वहित और आत्म-कल्याण के लिए वैध रूप से निरंतर संघर्ष नहीं करता,उसे अपना अधिकार नहीं मिल सकता।

          इसलिए कानूनी तरीकों से आंदोलन और संघर्ष जरूरी हो गया है.